Secular Meaning in Hindi

Secular Meaning in Hindi


 Secular Meaning in Hindi- आज के समय में भारत और विश्व में सेक्युलर शब्द बहुत प्रचलित है , खासकर भारत में इस शब्द को लेकर बहुत वाद - विवाद होते रहे है, सेक्युलर का मतलब क्या है और इस शब्द को कहा से लाया गया आइये इसके बारे में जानते है -

Secular  शब्द लैटिन भाषा के शब्द saeculum शब्द से लिया गया है जिसका मतलब होता है - किसी भी धर्म के प्रति तटस्थ यानि सबसे अलग रहना यानि अपने शब्दों में कहे तो सेक्युलर शब्द किसी भी धर्म के प्रति झुकाव या अपना मत नहीं देता है। 

सेक्युलर (Secular) का हिंदी में अर्थ "धर्मनिरपेक्ष" होता है। 


secularism  को हिंदी में क्या बोलते है ?

दर्शनशास्त्र में , धर्मनिरपेक्ष को बिना किसी धर्म का सहारा लिए , भौतिक दुनिया के प्राप्त सिधान्तो के आधार पर जीवन का मतलब बताना चाहती है और दुनिया के किसी भी धर्म को न मानकर भौतिक सुखो की ओर स्थान्तरित करती है। 

पश्चिमी सभ्यता में धर्मनिरपेक्ष के मान्यता में अलग - अलग धारणाये है , लेकिन वही भारत में देखा जाये तो इसको कानूनी रूप भी प्राप्त है, भारत के संविधान में धर्मनिरपेक्ष की अलग परिभाषा दी गयी है, जिसे आप और हम लोगो पर समान रूप से प्रभावी है। 

सेकुलरिज्म का मतलब होता है , अपने धर्म पर आश्रित होना यानि की धर्मनिरपेक्षता अगर सरल शब्दों में कहे तो आपको अपने धर्म का प्रचार प्रसार और मानने और उसको बढ़ाने के आप पूरी तरह से आज़ाद है, जैसे मन आप धर्म को मानिये या फिर किसी दुसरे धर्म में जाकर प्रैक्टिस कीजिये या वो धर्म अपना लीजिये , या फिर पूरी तरह से नास्तिक ही रहिये , इसको ही सेकुलरिज्म कहा जाता है। 


कौन सा देश सेकुलरिज्म नहीं है ?

वो देश जिसमे केवल एक धर्म के लोग रहते है वहा पर धर्मनिरपेक्षता की बात नहीं हो सकती है, उस देश पर केवल वो देश के लोग शासन करते है और वही के लोग ही केवल उसी धर्म को मानते है। सऊदी अरबिया में भी केवल एक ही रिलिजन है जो इनका खुद का स्टेट रिलिजन है। 


क्या भारत धर्मनिपेक्ष देश है ?

जी हाँ, भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है और यहाँ पर सभी धर्मो के लोग मिलजुलकर व् शांतिपूर्वक रहते है, सभी एक दुसरे धर्म का आदर करते हुए, सभी धर्मो को अपना सकते है। 


हमारा देश धर्मनिरपेक्ष क्यों कहा जाता है ?

हमारे देश में फ्रीडम ऑफ़ वोर्शिप यानि , कोई भी किसी भी मंदिर , मस्जिद , गुरूद्वारे में पूजा कर सकता है और इससे रैशनल थिंकिंग को बढ़ावा मिलती है और सबकी अपनी अपनी सोच होती है जो आप और हम लोग फॉलो करते है। 

भारत के संविधान में शुरू - शुरू में सेक्युलर शब्द था ही नहीं, इसको 1976 एक इमरजेंसी के दौरान भारत के प्रस्तावना में सेकुलरिज्म शब्द को जोड़ा गया। 

वैसे इस बात को मानना पड़ेगा की हमारे देश में सभी कानून किसी भी धर्म के आधार पर नहीं लेकिन सभी के हितो और जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। जो एक सबसे अच्छी पहल है और इसीलिए भारत के संविधान को सबसे उत्कृष्ट माना जाता है।